الفتوحات المكية

رقم السفر من 37 : [1] [2] [3] [4] [5] [6] [7] [8] [9] [10] [11] [12] [13] [14] [15] [16] [17]
[18] [19] [20] [21] [22] [23] [24] [25] [26] [27] [28] [29] [30] [31] [32] [33] [34] [35] [36] [37]

الصفحة - من السفر وفق مخطوطة قونية (المقابل في الطبعة الميمنية)

  الصفحة السابقة

المحتويات

الصفحة التالية  
futmak.com - الفتوحات المكية - الصفحة 679 - من السفر  من مخطوطة قونية

الصفحة - من السفر
(وفق مخطوطة قونية)

اعلم أيدك اللّٰه أن هذا هو علم التوالد و التناسل و هو من علوم الأكوان و أصله من العلم الإلهي فلنبين لك أولا صورته في الأكوان و بعد ذلك نظهره لك في العلم الإلهي فإن كل علم أصله من العلم الإلهي إذ كان كل ما سوى اللّٰه من اللّٰه قال اللّٰه تعالى ﴿وَ سَخَّرَ لَكُمْ مٰا فِي السَّمٰاوٰاتِ وَ مٰا فِي الْأَرْضِ جَمِيعاً مِنْهُ﴾ [الجاثية:13] فهذا علم التوالج سار في كل شيء و هو علم الالتحام و النكاح و منه حسي و معنوي و الإلهي فاعلم أنك إذا أردت أن تعلم حقيقة هذا فلتنظره أولا في عالم الحس ثم في عالم الطبيعة ثم في المعاني الروحانية ثم في العلم إلهي فأما في الحس فاعلم أنه إذا شاء اللّٰه أن يظهر شخصا بين اثنين ذانك الاثنان هما ينتجانه و لا يصح أن يظهر عنهما ثالث ما لم يقم بهما حكم ثالث و هو أن يفضي أحدهما إلى الآخر بالجماع فإذا اجتمعا على وجه مخصوص و شرط مخصوص و هو أن يكون المحل قابلا للولادة لا يفسد البذر إذا قبله و يكون البذر يقبل فتح الصورة فيه هذا هو الشرط الخاص و أما الوجه المخصوص فهو أن يكون التقاء الفرجين و إنزال الماء أو الريح عن شهوة فلا بد من ظهور ثالث و هو المسمى ولدا و الاثنان يسميان والدين و ظهور الثالث يسمى ولادة و اجتماعهما يسمى نكاحا و سفاحا و هذا أمر محسوس واقع في الحيوان و إنما قلنا بوجه مخصوص و شرط مخصوص فإنه ما يكون عن كل ذكر و أنثى يجتمعان بنكاح ولد و لا بد إلا بحصول ما ذكرناه و سنبينه في المعاني بأوضح من هذا إذ المطلوب ذلك و أما في الطبيعة فإن السماء إذا أمطرت الماء و قبلت الأرض الماء ﴿وَ رَبَتْ﴾ [الحج:5] و هو حملها



هذه نسخة نصية حديثة موزعة بشكل تقريبي وفق ترتيب صفحات مخطوطة قونية
  الصفحة السابقة

المحتويات

الصفحة التالية  
  الفتوحات المكية للشيخ الأكبر محي الدين ابن العربي

ترقيم الصفحات موافق لمخطوطة قونية (من 37 سفر) بخط الشيخ محي الدين ابن العربي - العمل جار على إكمال هذه النسخة.
(المقابل في الطبعة الميمنية)

 
الوصول السريع إلى [الأبواب]: -
[0] [1] [2] [3] [4] [5] [6] [7] [8] [9] [10] [11] [12] [13] [14] [15] [16] [17] [18] [19] [20] [21] [22] [23] [24] [25] [26] [27] [28] [29] [30] [31] [32] [33] [34] [35] [36] [37] [38] [39] [40] [41] [42] [43] [44] [45] [46] [47] [48] [49] [50] [51] [52] [53] [54] [55] [56] [57] [58] [59] [60] [61] [62] [63] [64] [65] [66] [67] [68] [69] [70] [71] [72] [73] [74] [75] [76] [77] [78] [79] [80] [81] [82] [83] [84] [85] [86] [87] [88] [89] [90] [91] [92] [93] [94] [95] [96] [97] [98] [99] [100] [101] [102] [103] [104] [105] [106] [107] [108] [109] [110] [111] [112] [113] [114] [115] [116] [117] [118] [119] [120] [121] [122] [123] [124] [125] [126] [127] [128] [129] [130] [131] [132] [133] [134] [135] [136] [137] [138] [139] [140] [141] [142] [143] [144] [145] [146] [147] [148] [149] [150] [151] [152] [153] [154] [155] [156] [157] [158] [159] [160] [161] [162] [163] [164] [165] [166] [167] [168] [169] [170] [171] [172] [173] [174] [175] [176] [177] [178] [179] [180] [181] [182] [183] [184] [185] [186] [187] [188] [189] [190] [191] [192] [193] [194] [195] [196] [197] [198] [199] [200] [201] [202] [203] [204] [205] [206] [207] [208] [209] [210] [211] [212] [213] [214] [215] [216] [217] [218] [219] [220] [221] [222] [223] [224] [225] [226] [227] [228] [229] [230] [231] [232] [233] [234] [235] [236] [237] [238] [239] [240] [241] [242] [243] [244] [245] [246] [247] [248] [249] [250] [251] [252] [253] [254] [255] [256] [257] [258] [259] [260] [261] [262] [263] [264] [265] [266] [267] [268] [269] [270] [271] [272] [273] [274] [275] [276] [277] [278] [279] [280] [281] [282] [283] [284] [285] [286] [287] [288] [289] [290] [291] [292] [293] [294] [295] [296] [297] [298] [299] [300] [301] [302] [303] [304] [305] [306] [307] [308] [309] [310] [311] [312] [313] [314] [315] [316] [317] [318] [319] [320] [321] [322] [323] [324] [325] [326] [327] [328] [329] [330] [331] [332] [333] [334] [335] [336] [337] [338] [339] [340] [341] [342] [343] [344] [345] [346] [347] [348] [349] [350] [351] [352] [353] [354] [355] [356] [357] [358] [359] [360] [361] [362] [363] [364] [365] [366] [367] [368] [369] [370] [371] [372] [373] [374] [375] [376] [377] [378] [379] [380] [381] [382] [383] [384] [385] [386] [387] [388] [389] [390] [391] [392] [393] [394] [395] [396] [397] [398] [399] [400] [401] [402] [403] [404] [405] [406] [407] [408] [409] [410] [411] [412] [413] [414] [415] [416] [417] [418] [419] [420] [421] [422] [423] [424] [425] [426] [427] [428] [429] [430] [431] [432] [433] [434] [435] [436] [437] [438] [439] [440] [441] [442] [443] [444] [445] [446] [447] [448] [449] [450] [451] [452] [453] [454] [455] [456] [457] [458] [459] [460] [461] [462] [463] [464] [465] [466] [467] [468] [469] [470] [471] [472] [473] [474] [475] [476] [477] [478] [479] [480] [481] [482] [483] [484] [485] [486] [487] [488] [489] [490] [491] [492] [493] [494] [495] [496] [497] [498] [499] [500] [501] [502] [503] [504] [505] [506] [507] [508] [509] [510] [511] [512] [513] [514] [515] [516] [517] [518] [519] [520] [521] [522] [523] [524] [525] [526] [527] [528] [529] [530] [531] [532] [533] [534] [535] [536] [537] [538] [539] [540] [541] [542] [543] [544] [545] [546] [547] [548] [549] [550] [551] [552] [553] [554] [555] [556] [557] [558] [559] [560]


يرجى ملاحظة أن بعض المحتويات تتم ترجمتها بشكل شبه تلقائي!