الفتوحات المكية

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اعلم أن الذات لما اختصت بسبع نسب تسمى صفات إليها يرجع جميع الأسماء و الصفات و قد ذكرنا رجوعها إليها في كتاب إنشاء الجداول كما ذكرها من تقدم قبلنا غير أني زدت على من تقدم بإلحاق الاسم المجيب مع الاسم الشكور لصفة الكلام فإن المتقدمين قبلنا ما ألحقوا بالاسم الشكور الاسم المجيب و كانت السموات سبعا و السيارة سبعة و الأرضون سبعة و الأيام سبعة جعل اللّٰه تكوين المعادن في هذه الأرض عن سباحة هذه السبعة الدراري بسبعة أفلاكها في الفلك المحيط فأوجد فيها سبعة معادن و لما كان الاسم العزيز المتوجه على إيجادها و لم يكن لها مشهود سواه عند وجودها أثر فيها عزة و منعا فلم يقو سلطان الاستحالة التي تحكم في المولدات و الأمهات من العناصر يحكم فيها بسرعة الإحالة من صورة إلى صورة مثل ما يحكم في باقي المولدات فإن الاستحالة تسرع إليهم و يظهر سلطانها فيهم بزيادة و نقص و خلع صورة منهم و عليهم و هذا يبعد حكمه في المعادن فلا تتغير الأحجار مع مرور الأزمان و الدهور إلا عن بعد عظيم و ذلك لعزتها التي اكتسبتها من الاسم الإلهي العزيز الذي توجه على إيجادها من الحضرة الإلهية ثم إن هذا الاسم طلب بإيجادها رتبة الكمال لها حتى تتحقق بالعزة فلا يؤثر فيها دونه اسم إلهي نفاسة منه لأجل انتسابها إليه و علم العلماء بأن وجودها مضاف إليه فلم يكن القصد بها إلا صورة واحدة فيها عين الكمال و هو الذهبية فطرأت عوارض لها في الطريق من الاسم الضار و إخوانه فأمرض أعيانهم و عدل بهم عن طريقهم حكمت عليهم بذلك المرتبة التي مروا عليها و لا يتمكن لاسم أن يكون له حكم في مرتبة غيره فإن صاحب المنزل أحق بالمنزل و هم أرباب الأدب الإلهي و معلمو الأدب فبقي الاسم العزيز في هذه المرتبة يحفظ عين جوهر المعدن و صاحب المرتبة من الأسماء يتحكم في صورته لا في عين جوهره و للأسماء الإلهية في المولدات و العناصر سدنة من الطبائع و من العناصر يتصرفون في هذه الأمور بحكم صاحب المرتبة الذي هو الاسم الإلهي و هم المعدن و حرارته و برد الشتاء و حرارة الصيف و الحرارة المطلقة و البرودة و الرطوبة و اليبوسة و لكل واحد مما ذكرناه حكم يخصه يظهر في جوهر المولدات و العناصر فيسخف و يكثف و يبرد و يسخن و يرطب و ييبس و رتبة الكمال من تعتدل فيه هذه الأحكام و تتمانع و لا يقوى واحد منهم على إزالة حكم صاحبه فإذا تنزه الجوهر عن التأثير فخلع صورته عنه و منع نفسه من ذلك فذلك حكم رتبة الكمال و ليس إلا الذهب في المعدن و أما سائر الصور فقامت بها أمراض و علل أخرجتهم عن طريق الكمال فظهر الزئبق و الأسرب و القزدير و الحديد و النحاس و الفضة كما ظهر الياقوت الأصفر و الأكهب في جوهر الياقوت و لما فارقت المعدن الذي هو موطنها في ركن الأرض بقيت على مرضها ظاهرة بصورة الاعتلال دائما فالحاذق النحرير من علماء الصنعة إذا عرف هذا و أراد أن يلحق ذلك المعدن برتبة الكمال و لا يكون ذلك إلا بإزالة المرض و ليس المرض إلا زيادة أو نقصا في الجوهر و ليس الطب إلا زيادة تزيل حكم النقص أو نصا يزيل حكم الزيادة و ليس الطبيب إلا أن يزيد في الناقص أو ينقص من الزائد فينظر الحاذق من أهل النظر في طب المعادن ما الذي صيره حديدا أو نحاسا أو ما كان و حال بينه و بين الذهبية أن يصل إلى منزلتها و يظهر صورتها فيه فيفوز بدرجة الكمال و يجوز صفة العزة و المنع عن التأثير فيه و تساعد هذا الطبيب سباحة الأنوار السبعة في أفلاكها أعني الدراري و هي القمر و الكاتب و الزهرة و الشمس و الأحمر و المشتري و كيوان بما في قوتها لما يعطيه بعضها من اختلاف الزمان و حكم كل زمان يخالف حكم الذي يليه من وجه و يوافقه من وجه و يخالفه من جميع الوجوه و لا يمكن أن يوافقه من جميع الوجوه إذ لو وافقه لكان عينه و لم يكن اثنان و هما اثنان بلا شك فالموافقة من جميع الوجوه لا تكون و لكرور هذه الأزمان و توالي الجديدين أثر في الأركان و أثر في عين الولد في تسوية جوهره و تعديله فإذا سواه و عدله و هو أن يصيره جوهرا قابلا لأي صورة يريد الحق أن يركبه فيها و الصور مختلفة فاختلفت المعادن كما اختلف النبات بالصورة كما اختلف الحيوان بالصورة و هو من حيث الجوهر الطبيعي واحد العين و لهذا يعمه من حيث جوهره حد واحد و ما تختلف الحدود فيه إلا من أجل الصورة و كذلك في الآباء و الأمهات بل جوهر العالم كله واحد بالجوهرية و العين تختلف بالصور و ما يعرض له من الأعراض فهو المجتمع المفترق و الواحد الكثير صورة الحضرة الإلهية في الذات و الأسماء فيرد الحاذق الجوهر المعلول الذي عدلت به علته عن طريق الكمال إلى طريقه ليتمكن من تدبيره و حفظ بقاء صحته عليه و يحفظه مما بقي له في طريقه من منازل التغييرات الحائلة بينه و بين رتبة الكمال و إنما فعل اللّٰه هذا بهذا الجوهر في الطريق و سلط عليه من يعله و يمرضه حتى يحول بينه و بين بلوغه إلى رتبة الكمال العدني لمصالح هذا النوع الإنساني لعلمه بأنه يحتاج إلى آلات و أمور لا بد له منها و لا يكون له هذه الآلات إلا بقيام هذه الأمراض بهذا الجوهر و عدوله عن الطريق و حال اللّٰه سبحانه بين الأطباء و بين العلم بإزالة هذه الأمراض من هذا الجوهر إلا الأمناء منهم الذين علم اللّٰه منهم أنهم يبقون الحكمة على ما وضعها اللّٰه في العالم فيبقى الحديد حديدا لما فيه من المنافع التي لا تكون في الذهب و لا في غيره من المعادن كما قال تعالى



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