Les révélations mecquoises: futuhat makkiyah

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قال اللّٰه تعالى حكاية عن قوم يقولون ﴿وَ مٰا يُهْلِكُنٰا إِلاَّ الدَّهْرُ﴾ [الجاثية:24] و صدقوا فإنه «قد ثبت عن رسول اللّٰه ﷺ أن اللّٰه هو الدهر» فما أهلكهم إلا اللّٰه كما هو في نفس الأمر

[أن الزمان نسبة لا وجود له في عينه]

اعلم أن الزمان نسبة لا وجود له في عينه و قد أطال الناس الكلام في ماهيته فخرج من مضمون كلامهم ما ذكرناه من أنه نسبة و أنه يحدث بحدوث السؤال بمتى فيحدث له أسماء بحدوث السؤال مثل حين و إذ و إذا و حروف الشرط كلها أسماء الزمان و المسمى أمر عدمي كلفظة العدم فإنها اسم مسماها لا عين له مع تعقل الحكم له فلنمثل ليفهم ما ذكرناه يقال متى جاء زيد الجواب حين طلعت الشمس مثلا و إذا طلعت الشمس و متى تطلع الشمس من مغربها حين يأذن اللّٰه لها في ذلك و إذا يأذن اللّٰه و مهما أذن اللّٰه لها طلعت في جواب هل تطلع الشمس من المغرب فيعود مشرقا فيكون هذا و أمثاله جوابه فيعقل منه الزمان إن جاء زيد أكرمتك المعنى حين يجيء زيد أكرمك المعنى زمان مجيء زيد زمان وجوب كرامتك على التي أوجبها على نفسي بمجيء زيد فهو للمحدثات زمان و للقديم أزل و معقوليته أمر متوهم ممتد لا طرفين له فنحكم عليه بالماضي لما مضى فيه و نحكم عليه بالمستقبل لما يأتي فيه و نحكم عليه بالحال لما هو فيه و هو مسمى الآن و الآن و إن كان زمانا فهو حد لما مضى في الزمان و لما استقبل في الزمان كالنقطة تفرض في محيط الدائرة فتعين لها البدء و الغاية حيث فرضتها منها فالأزل و الأبد عدم طرفي الزمان فلا أول له و لا آخر و الدوام له و هو زمان الحال و الحال له الدوام فلا يزال العالم في حكم زمان الحال و لا يزال حكم اللّٰه في العالم في حكم الزمان و لا يزال ما مضى منه و ما يستقبل في حكم زمان الحال أ لا ترى في كلام اللّٰه في إخباره إيانا بأمور قد انقضت عبر عنها بالزمان الماضي و بأمور تأتي عبر عنها بالزمان المستقبل و أمور كائنة عبر عنها بالحال فالحال ﴿كُلَّ يَوْمٍ هُوَ فِي شَأْنٍ﴾ [الرحمن:29] و الماضي



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