The Meccan Revelations: al-Futuhat al-Makkiyya

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(وفق مخطوطة قونية)

و اعلم أن لله في هذا المنزل أرواحا من الملائكة بأيديهم من الخيرات و النعيم الدائم ما لا يدري مقداره إلا اللّٰه تعالى قد وكلهم اللّٰه على ذلك و جعلهم حفظة عليه و خزانا لأصحابه من الأناسي يؤدون ذلك إليه في الوقت الذي قد قرر لهم الحق ذلك و عينه لهم بالحال التي ينتقل ذلك العبد السعيد إليها و كذلك له ملائكة خزنة بالنقيض أيضا معدة لإنسان آخر يؤدون ذلك إليه في الوقت الذي قرره الحق لهم بالحال التي ينتقل إليها ذلك العبد الشقي كل ذلك بتقدير العزيز العليم*

[خلق الملائكة من تكلم العبد]

و اعلم أنه ما من كلمة يتكلم بها العبد إلا و يخلق اللّٰه من تلك الكلمة ملكا فإن كانت خيرا كان ملك رحمة و إن كانت شرا كان ملك نقمة فإن تاب إلى اللّٰه و تلفظ بتوبته خلق اللّٰه من تلك اللفظة ملك رحمة و خلع من المعنى الذي دل عليه ذلك اللفظ بالتوبة الذي قام يقلب التائب على ذلك الملك الذي كان خلقه من كلمة الشر خلعة رحمة و واخى بينه و بين الملك الذي خلقه من كلمة التوبة و هو قوله تبت إلى اللّٰه فإن كانت التوبة عامة خلع على كل ملك نقمة كان مخلوقا لذلك العبد من كلمات شره خلع رحمة و جعل مصاحبا لملك المخلوق من لفظة توبته فإنه إذا قال العبد تبت إليك من كل شيء لا يرضيك كان في هذا اللفظ من الخير جمعية كل شيء من الشر فخلق من هذا اللفظ ملائكة كثيرة بعدد كلمات الشر التي كانت منه فإن الإنسان أعطى لفظا يدل على الإفراد و أعطى لفظا يدل على الاثنين و أعطى لفظا يدل على الكثرة فلفظة كل تدل على الكثرة فعلم إن قوله تبت إلى اللّٰه من كل شيء إنه تبت إلى اللّٰه من كذا تبت إلى اللّٰه من كذا تبت إلى اللّٰه من كذا كما تقول زيدون تريد بذلك زيد و زيد و زيد هذا أقله إلى ما لا يتناهى كثرة و كذلك لفظة زيود في جمع التكسير فلهذا خلق اللّٰه من كلمة الجمع ملائكة بعدد ما تعمه تلك الكلمة و إنما قلنا بأن الملائكة المخلوقة من كلمة الشر يخلع عليها خلع الخير و ترجع ملائكة رحمة في حق هذا التائب و يصاحب بينها و بين الملائكة المخلوقة من لفظ التوبة عن ذلك الشر فإن الكشف أعطى ذلك و صدقه الوحي المنزل بقول اللّٰه تعالى في هذا الصنف ﴿يُبَدِّلُ اللّٰهُ سَيِّئٰاتِهِمْ حَسَنٰاتٍ﴾ [الفرقان:70]



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